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वक्त की मोहरें...
अभिमान है कि —
यह मैं हूँ
यह मेरा है
मैंने इतनी दौलत कमाई है
मेरी ताकत अधिक है
मेरा मान-सम्मान है
मै अजेय हूँ
मै सबकुछ कर सकता हूँ
ये वक्त की क्षणभंगुर स्थितियाँ हैं
जो परिवर्तनशील हैं
कभी भी बदल सकतीं हैं
जिसको "मैं" भी नहीं रोक सकता
यह वक्त का खेल है
इससे डरना अपने हक में है
क्योंकि हम शतरंज के मोहरें हैं
अपराजेय वक्त का
जिसपर कोई वश नहीं
हमारा...
© S Kumar
यह मैं हूँ
यह मेरा है
मैंने इतनी दौलत कमाई है
मेरी ताकत अधिक है
मेरा मान-सम्मान है
मै अजेय हूँ
मै सबकुछ कर सकता हूँ
ये वक्त की क्षणभंगुर स्थितियाँ हैं
जो परिवर्तनशील हैं
कभी भी बदल सकतीं हैं
जिसको "मैं" भी नहीं रोक सकता
यह वक्त का खेल है
इससे डरना अपने हक में है
क्योंकि हम शतरंज के मोहरें हैं
अपराजेय वक्त का
जिसपर कोई वश नहीं
हमारा...
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