आँसू
नहीं रह गया है पास में कोई फ़रेब-ओ-झूठ।
जला दिया है मैने मुहब्बत के सारे सबूत।
ना अब वो हलचल है ना बेचैनी, ना बेकरारी,
अब उस तन्हा आशियाने में रहता है मेरा बुत।
फ़लक से गिर रहा है तेरा वो जगमग सितारा, ...
जला दिया है मैने मुहब्बत के सारे सबूत।
ना अब वो हलचल है ना बेचैनी, ना बेकरारी,
अब उस तन्हा आशियाने में रहता है मेरा बुत।
फ़लक से गिर रहा है तेरा वो जगमग सितारा, ...