...

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मैं इश्क़ हूं 🌼
मैं वो सुर्ख लाल रंग हूं
जो चाह के भी ना उतरेगा
वो एक ऐसा जुमला हूं
जो हमेशा लबों पर रहेगा
जो लहू बन गर्दिश करे
मैं एक ऐसा एहसास हूं
रात के बाद ढल जाए
मैं ऐसा चांद नहीं
आए और गुज़र जाए
मैं ऐसा तूफान नहीं
जिसे देखा और भूल गए
मैं ऐसा ख्वाब नहीं
मैं ऐसी बारिश की बूंद नहीं
जो बरसे और थम जाए
मैं ऐसी इबारत नहीं
जो लहरों से मिट जाए
मैं तो वो परवाना हूँ
जो जलता रहे लेकिन उफ्फ ना करे
मेरे मिटने का तो सवाल भी नहीं
क्यूंकि मैं तो इश्क़ हूं
© preeti choudhary