...

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dil jakhmi hai
मुर्दा है ये जिस्म मुद्दतो से
इस जिस्म मे हलचल हो जाये
तू गर हाँथ थाम ले मेरा तो
ये जिंदगी मुक़म्मल हो जाये

दिल जख्मी है कितना छूकर तो देख
बेवफा मेरी और एक नजर तो देख

ओ दिल तोड़के जाने वाली सुन जरा
अपने आशिक को पलटकर तो देख

मेरे जितना कोई तुम्हे चाह नहीं सकता
अपने वास्ते मेरी चाहत का समंदर तो देख

मेरी ये उदासी मुस्कान मे बदल जाये
तू एकबार मेरी और हसकर तो देख

ये सारा जहाँ तुझको बेगाना लगने लगेगा
तू एकबार मुझे अपना समझकर तो देख

तेरी सारी गलतफहमी दूर हो जाएगी
तू एकबार मुझसे कही तन्हा मिलकर तो देख

दिल कही भी अब लगता नहीं है मेरा
तेरे इश्क़ का मुझपर केसा हुआ असर तो देख

निगाहेँ मेरी कबसे तेरी राह देख रही है
तेरे सामने है जो हंसी मंजर तो देख

मुझ जैसा कोई मिलेगा नहीं तुझे इस जहां मे
मे मिल रहा हु तुझे तू अपना मुकद्दर तो देख




© Zakir Husain agwan