dil jakhmi hai
मुर्दा है ये जिस्म मुद्दतो से
इस जिस्म मे हलचल हो जाये
तू गर हाँथ थाम ले मेरा तो
ये जिंदगी मुक़म्मल हो जाये
दिल जख्मी है कितना छूकर तो देख
बेवफा मेरी और एक नजर तो देख
ओ दिल तोड़के जाने वाली सुन जरा
अपने आशिक को पलटकर तो देख
मेरे जितना कोई तुम्हे चाह नहीं सकता
अपने वास्ते मेरी चाहत का समंदर तो ...
इस जिस्म मे हलचल हो जाये
तू गर हाँथ थाम ले मेरा तो
ये जिंदगी मुक़म्मल हो जाये
दिल जख्मी है कितना छूकर तो देख
बेवफा मेरी और एक नजर तो देख
ओ दिल तोड़के जाने वाली सुन जरा
अपने आशिक को पलटकर तो देख
मेरे जितना कोई तुम्हे चाह नहीं सकता
अपने वास्ते मेरी चाहत का समंदर तो ...