जिसके लिये.
जिसके लिये ये जज़्बात मचलते है
उसी से दूरी बना के हम चलते है!
हालात से बेशक दूर है हम बहुत
ख्वाब मग़र वहीं दोनों के दिल मे पलते है!
लोग तो कहते है क्या रखा है इस मोहब्बत मे
हम कहते है कहने दो उनको जो जलते है!
यूं तो हर पल सुकून है तुमसे बात करके मुझे
मगर अकेले जब रात गुजरती है वो पल खलते है!
कुछ इस तरह से अब बन गयी जिंदगी मेरी अब
बस तुम से सवेरा होता है तुम पर दिन ढलते है!© Rashmi Garg
उसी से दूरी बना के हम चलते है!
हालात से बेशक दूर है हम बहुत
ख्वाब मग़र वहीं दोनों के दिल मे पलते है!
लोग तो कहते है क्या रखा है इस मोहब्बत मे
हम कहते है कहने दो उनको जो जलते है!
यूं तो हर पल सुकून है तुमसे बात करके मुझे
मगर अकेले जब रात गुजरती है वो पल खलते है!
कुछ इस तरह से अब बन गयी जिंदगी मेरी अब
बस तुम से सवेरा होता है तुम पर दिन ढलते है!© Rashmi Garg