...

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नूर-ए-मोहब्बत की थी
कोई समाँ फिर ऐसा आ गया
आसमाँ को देखने के लिए फिर चाँद आ गया
नूर-ए-मोहब्बत की थी, तारों की जगमगाहट यूँही बदनाम हुए
बेक़रारी तो हीरे के लिए थी, लाखों...