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"ए दिल बता तू क्यूंँ रोता है"
ए मेरे दिल बता तू क्यूँ रोता है,
क्यूँ ज़िंदगी के हसीन पल खोता है!

माना कि ज़िंदगी में तेरी सन्नाटा है,
वक़्त ने सबको ही तो ये बाँटा है!

क्या हुआ जो ये गम तेरा किस्सा है,
खुशियों में भी तो तेरा हिस्सा है!

फिर बता क्यूँ करता है आँखे तू नम,
ज़िंदगी के पहलू हैं खुशी और गम!

माना हंँसते ज़ख्म, होते हैं नासूर बड़े,
मगर जीते वही हुए जो गिरकर खड़े!

चल उठ बढ़ा कदम, थाम ले हाथ,
बेसहारा जरूरतमंदों का दे तू साथ!

प्रस्फुटित हो अंकुर, पुष्प बन बरसेगा,
वो बीज़ जो तू अपने कर्मों से बोता है!

ए मेरे दिल बता तू क्यूँ रोता है,
क्यूंँ ज़िंदगी के हसीन पल खोता है!

#सुशील_यादव_सांझ"...✍️
#ए_दिल_तू_क्यूं_रोता_है
#हिंदी_लेखन