कुछ है ही
हर दम हर दफ़ा हर मोड़ पर मिलते हो
क्या है इश्क़ सा कुछ या यूँ ही मिलते हो
मुझे याद है एक बार तोड़े थे फ़ूल
और न जाने कितने दिल साथ में
हमसे ही है...
क्या है इश्क़ सा कुछ या यूँ ही मिलते हो
मुझे याद है एक बार तोड़े थे फ़ूल
और न जाने कितने दिल साथ में
हमसे ही है...