आशिकी
अपने दिल की बातों को ऐ जाना ऐसे तो झुठलाते नहीं हैं
रोज होती है मुझे, तुम्हारे दीदार की चाहत लेकिन,हम ही हैं कि तुम्हें यूहीं कभी बताते नहीं हैं
इक दफा ही देखकर तुमको,हमें इश्क होगया बेशक
पर ऐसे रातों की नीदों को किसीकी उठवाते नहीं हैं
हाँ, है माना हमने कि...
रोज होती है मुझे, तुम्हारे दीदार की चाहत लेकिन,हम ही हैं कि तुम्हें यूहीं कभी बताते नहीं हैं
इक दफा ही देखकर तुमको,हमें इश्क होगया बेशक
पर ऐसे रातों की नीदों को किसीकी उठवाते नहीं हैं
हाँ, है माना हमने कि...