...

5 views

स्वतंत्रता सतत साधना हमारी
सोचो हज़ारों वर्ष की गुलामी के
दहशत भरे दिन कैसे हुए होंगे !
न शिक्षा ,न समुचित भोजन कपड़े
जलालत से गुजरते कैसे दिन हुए होंगे !!

पशुवत व्यवहार ,मानवता का विनाश !
शोषण ,अत्याचार,अनाचार की पराकाष्ठा !!
अज्ञानतम आवरण का गहनतर होता जाना ,
तिस पर तिल तिल कर जीवन मरण सन्नाटा !!

ऐसे घनांधकार में प्रयास स्वतंत्रता के स्तुत्य है ,
मानवता जीवित हो उठती अन्याय के विरुद्ध !
आतताई को छोड़ना होती धारणा ,देने होते अधिकार
जबरिया जुल्म से मुक्ति हित सतत संघर्ष सन्नद्ध !!

स्वतंत्रता प्रयास जिसने भी किया देकर आहुति अपनी !
दधीचि बन बचाया मानवता को ,देकर मान्यता अपनी !!
हर रास्ता अख्तियार किया साम,दाम,दंड,भेद का भरपूर ,
उसी ने दिखाई राह ,रहगुजर बन स्वातंत्र्य प्रयासों सेअपनी !!

स्वतंत्रता हमारी सतत साधना है ,जिसके मुकुट मणी हम !
रखेंगे अक्षुष्ण निरन्तर ,सम्पूर्ण समर्पण से देकर प्राण तन !!

©MaheshKumar Sharma
2/10/2023



#स्वतंत्रताप्रयास
#MeriKavitaye
#MaheshkumarSharma