श्री हरि विष्णु मतलोड़ा
मै नहीं जानता भगवान का रूप क्या है
मै नहीं जानता अगरबत्ती और धूप क्या है
मै नहीं जानता कौन राम और कौन बलराम
मै नहीं जानता कौन साधु कौन आशाराम!!
!!मेरी तो भगवतगीता तू, तू ही मेरा ग्रंथ
!!मेरा तो काज भी तू, तू ही मेरा पंथ!!
तेरे बनाए नियम उसी पर मुझे चलना है
तेरे आशीर्वाद के झूले पर मुझे पलना है
किताब की क्या जरूरत जब ज्ञान तुझमें समाया है
क्या ये लीबास क्या यह मुरत जब तू मेरी काया है!!
!!मेरा तो तू...
मै नहीं जानता अगरबत्ती और धूप क्या है
मै नहीं जानता कौन राम और कौन बलराम
मै नहीं जानता कौन साधु कौन आशाराम!!
!!मेरी तो भगवतगीता तू, तू ही मेरा ग्रंथ
!!मेरा तो काज भी तू, तू ही मेरा पंथ!!
तेरे बनाए नियम उसी पर मुझे चलना है
तेरे आशीर्वाद के झूले पर मुझे पलना है
किताब की क्या जरूरत जब ज्ञान तुझमें समाया है
क्या ये लीबास क्या यह मुरत जब तू मेरी काया है!!
!!मेरा तो तू...