पीड़ा
"मन आज फिर व्यथित हो आया,
सोई पीड़ा की जब लगी उठने लहर।
अधरों में वही स्मित सी मुस्कान लिये,
जगना होगा फिर से शाम ओ...
सोई पीड़ा की जब लगी उठने लहर।
अधरों में वही स्मित सी मुस्कान लिये,
जगना होगा फिर से शाम ओ...