एक अनमोल कलाई
ऐ खुदा अब तु ही बता,
क्यों इतनी अजीब है मेरी दासताँ।
जो पास है, वो रास नहीं.....
जो नहीं है, उसकी आस है।
सबकुछ तो दे दिया तुमने,
पर परवाह क्यों नहीं उसकी।
जो कुछ नहीं दिया तुमने....
इतनी चाह क्यों है उसकी।
छोटी बहनों का प्यार दिया,
पर बड़े भाई की दरकार रही।
वो राखी जिम्मेवार...
क्यों इतनी अजीब है मेरी दासताँ।
जो पास है, वो रास नहीं.....
जो नहीं है, उसकी आस है।
सबकुछ तो दे दिया तुमने,
पर परवाह क्यों नहीं उसकी।
जो कुछ नहीं दिया तुमने....
इतनी चाह क्यों है उसकी।
छोटी बहनों का प्यार दिया,
पर बड़े भाई की दरकार रही।
वो राखी जिम्मेवार...