...

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Gaon ki mohobbat
हम छोटे से कसबे में रहते थे
जहाँ छुप छुप के मुलाकातें होती थी
ज़रा सा कोई साथ देख ले तो
हर तरफ बस हमारी ही बातें होती थी
ज़रा सा हाथ क्या थाम लो तो बस
छटक के दूरियां और बस आँखों में हया होती थी
वहां हर दर्द और खुशियां मेरी तेरी होती थी
धुप में तो छत से देख लिया करते थे तुझको
हाँ सांझ अकेली सी होती थी

और देख एक ये शहर है
जहाँ ना कोई रोक टोक ना कोई सीमा है
सब भाग रहे हैं इस दौड़ में मतलबी बन के
सबको अपने लिए ही जीना है
यहाँ की आबो-हवा में तेरी खुशबु की कमी सी रहती है
सच्ची मोहोब्बत तो हाँ छोटे कसबे में ही रहती है

© pal❤️