वो बस जाई जा रही थी....
गुजर रहा हु तो वो खुद को छुपा रही थी,
मुंह पे नकाब था न शर्मा रही थी,
न हिच्चिरा रही थी,
विदाई हो रही थी उसकी सब के अश्क बह रहे थे,
वो शांत थी न रो रही थी न मना रही थी,
वो गुम- सूम थी महबूब के ख्यालों में बस सोचे रही थी,
गाड़ी जा रही थी गाड़ी जा रही थी,
न होश था उसको न ध्यान कुछ
विदाई उसकी हुई जा रही थी,
उसकी आंखे महबूब को निहार रही थी,
मानो उसकी दिल्लगी उसके हाथ से जा रही थी,
अलग ही तलब था शरीर से पिया की हो रही थी पर मन महबूब पर ही लगा रखी थी,
बस चुपचाप जा रही थी,
उसके चेहरे का नूर बता रही थी,
शादी जबरजस्ती हुई है उसकी पर क्या करे बाबुल से डर से घबराई जा रही थी,
मेंहदी बन किसी की बस जाई जा रही थी,
बस जा रही थी,
खूबसूरती उसकी क्या बताओ,
चांद की जोड़ी बस वही लगती थी धरती पर,
वो भी परदे में छुपाई जा रही थी,
नजर न लगे उसको इसका भी ध्यान रखा गया था
काला टीका लगा रखा था उसको फिर भी नजर न बचाई जा रही थी,
वो बस जाई जा रही थी ।।।
© All Rights Reserved
मुंह पे नकाब था न शर्मा रही थी,
न हिच्चिरा रही थी,
विदाई हो रही थी उसकी सब के अश्क बह रहे थे,
वो शांत थी न रो रही थी न मना रही थी,
वो गुम- सूम थी महबूब के ख्यालों में बस सोचे रही थी,
गाड़ी जा रही थी गाड़ी जा रही थी,
न होश था उसको न ध्यान कुछ
विदाई उसकी हुई जा रही थी,
उसकी आंखे महबूब को निहार रही थी,
मानो उसकी दिल्लगी उसके हाथ से जा रही थी,
अलग ही तलब था शरीर से पिया की हो रही थी पर मन महबूब पर ही लगा रखी थी,
बस चुपचाप जा रही थी,
उसके चेहरे का नूर बता रही थी,
शादी जबरजस्ती हुई है उसकी पर क्या करे बाबुल से डर से घबराई जा रही थी,
मेंहदी बन किसी की बस जाई जा रही थी,
बस जा रही थी,
खूबसूरती उसकी क्या बताओ,
चांद की जोड़ी बस वही लगती थी धरती पर,
वो भी परदे में छुपाई जा रही थी,
नजर न लगे उसको इसका भी ध्यान रखा गया था
काला टीका लगा रखा था उसको फिर भी नजर न बचाई जा रही थी,
वो बस जाई जा रही थी ।।।
© All Rights Reserved