वो बस जाई जा रही थी....
गुजर रहा हु तो वो खुद को छुपा रही थी,
मुंह पे नकाब था न शर्मा रही थी,
न हिच्चिरा रही थी,
विदाई हो रही थी उसकी सब के अश्क बह रहे थे,
वो शांत थी न रो रही थी न मना रही थी,
वो गुम- सूम थी महबूब के ख्यालों में बस सोचे रही थी,
गाड़ी जा रही थी गाड़ी जा रही थी,
न होश था उसको न ध्यान कुछ
विदाई उसकी हुई जा रही थी,
उसकी आंखे महबूब को निहार रही थी,...
मुंह पे नकाब था न शर्मा रही थी,
न हिच्चिरा रही थी,
विदाई हो रही थी उसकी सब के अश्क बह रहे थे,
वो शांत थी न रो रही थी न मना रही थी,
वो गुम- सूम थी महबूब के ख्यालों में बस सोचे रही थी,
गाड़ी जा रही थी गाड़ी जा रही थी,
न होश था उसको न ध्यान कुछ
विदाई उसकी हुई जा रही थी,
उसकी आंखे महबूब को निहार रही थी,...