...

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कुण्डलिया छंद
अंतिम साँसे गिन रहा ,योर कोट महाराज
नई ऐप पर कीजिये, लिख-पढ़ने के काज
लिख-पढ़ने के काज,संग नव मीत बनाएँ
मिल-जुल कर परिवार,नया फिर एक बसाएँ
जहाँ मिलें कवि चार,मंच बन जाए स्वर्णिम
चली यहाँ से यार ,पोस्ट समझो यह अंतिम
© दीp
यह मेरी Your Quote पर अंतिम पोस्ट है।