...

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आगाज ए मोहब्बत.....
आंसुओं की कीमत मेरी,
नजरों में उनके नमकीन पानी है।
छलकते अश्क मेरे,
बस तेरे प्यार की निशानी है।।
बसाई थी जो इज्जत तेरी सर आंखों पर,
तब्दील इश्क की ये डगर पुरानी है।।
बांटीं थीं खुशियां दो पल जो तेरे संग,
तड़पता दीदार को तेरे ये मेरी नादानी है।।
यूं दूर न कर मुझे अपनी निगाहों से,
मेरी सिद्धते चाहत की ये तो जुबानी है।।
तेरी हर अदा कैद मेरी आंखों में,
बदला सा मिजाज़ मेरा,
ये तेरे हुस्न की रवानी है।।
मायूस इस कदर बैठा रहता तेरी यादों में,
सब तेरी घनी जुल्फों की मेहरबानी है।।
गुजरता हर वक्त मेरा तेरे ख्वाबों में,
समेटे हसीं लम्हों को,,
बस इस दीवाने की यही कहानी है।।
written by (संतोष वर्मा)
आजमगढ़ वाले खुद की जुबानी