...

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जिंदगी...
कुछ अनकहे अल्फाज होते हैं,
कुछ अनसुनी बातें होती हैं,
कैसे बताएं तुम्हें हम "गालिब"!!
ये जिंदगी कितनी खुदगर्ज होती है।
ये जो मारती है हमें पल पल
और पूरी तरह मरने भी नहीं देती,"२"
छुपा के अपने हर दर्द को
हमें हंसने को मजबूर करती है,
कैसे बताएं तुम्हें हम "ग़ालिब"!!
ये जिंदगी कितनी खुदगर्ज होती है
© Suman singh