अकेले अकेले
है ज़िन्दगी महफूज़,
इस ग़लतफ़हमी में,
जी रहा था मैं,
अकेले अकेले।
दुनियां को भुला,
लिए जिसके,
गुज़र गया वो,
अकेले अकेले।
रांह होगी आसान,
साथी बनाया उम्मीद से,
कांटो में उलझ गया,
अकेले अकेले।
अपनों संग जिया,
अब तलक मैं भी,
अब खुदको ही खोया,
अकेले...
इस ग़लतफ़हमी में,
जी रहा था मैं,
अकेले अकेले।
दुनियां को भुला,
लिए जिसके,
गुज़र गया वो,
अकेले अकेले।
रांह होगी आसान,
साथी बनाया उम्मीद से,
कांटो में उलझ गया,
अकेले अकेले।
अपनों संग जिया,
अब तलक मैं भी,
अब खुदको ही खोया,
अकेले...