...

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कब होगा...
न जाने जिंदगी का ये सिलसिला
कब ख़तम होगा ,
न जाने कब सारा कार्य सफल होगा..

अब तो सब कुछ तुम्हारे आसरे
छोड़ दिया है ,

हे कन्हैया !कब कर्ता, कर्म और
भाग्य का मिलन होगा..


© Jaya Tripathi