kalam se aag.☆
☆#कलम से इश्क़ ए आग सुलगाइ जाये ☆
ھککت کی داستان
☆**कलम से इश्क़ ए आग सुलगाई जाये
मुहब्बत के तरन्नुम की महफ़िल सजाई जाये ....~♡
☆""तोड कर मेरे दिल को टुकड़ॊ मे हज़ार
क्यू ना इस दिल की फिर बोली लगाई जाये .....~♡~.
☆**मेरे अमन का दीदार कर बदहाल हो चला
जमाने को भी दिल की वो चीखे सुनाई जाये ........~♡~.
☆***नपते तुलते हलातो को जज़्बात बेचकर..... ~♡~
☆***क्यू ना फिर आसमा मे ज़मी दफ़नाई जाये.......~♥~~♥~~♥~~♥~
© Haquikat
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