...

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उड़ चलें
दुनिया-जमाने से छिपकर बहाने से
आ चल कहीं हम उड़ चलें
बस खुशियाँ हो बेवजह
गम का न हो पता
ढूंढे हम ऐसी कोई जगह
किसी की नज़रों में न आ सकें
जहाँ दिल कहे वहाँ जा सकें
कुछ यूँ इन बादलों संग
हो जाएं हम लापता
मंज़िल पाने की न कोई चाह हो
बेफिक्री से चलें चाहे जैसे भी हो रास्ते
आ चल तोड़ लें
इस ज़माने से सब वास्ते

© Shikha