...

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मै अकेला नहीं हूँ!!
मैं अकेला नहीं हूँ,
थाम रखी थी जिसने मशाल।
जो गुम है भविष्य की तलाश मे,
जो खोज रहा है अपनी मंज़िल।
मैं अकेला नहीं हूँ..
ऊँचे नीचे रास्ते है,
पथरीली सड़के है,
खड्डे भी है,
खाई भी है,
पर उनपर चलने वाला,
मैं अकेला नहीं हूँ...
उफान मारता सागर है,
काले गरजते बादल है,
लहरे भी है,
बवंडर भी है,
पर नौका चलाने वाला,
मैं अकेला नहीं हूँ....
जो चहरे से बहुत खुश है,
मगर दिल मे एक शांत उदासी है,
जो हस तो रहा है,
मगर दुखी भी है।
मे अकेला नहीं हूँ......
जो हार चूका है हर तरह से,
जिसकी जिंदगी काँटों का हार भी है,
वो सुरक्षित भी है आगे बढ कर,
पर उसकी नाकाबिलियत पर हर समय प्रहार भी है,
मै अकेला नहीं हूँ...
बेशक़ गुंजाइस नहीं है,
पर शायद एक उम्मीद भी है,
आशा भी है,
और विश्वाष भी है,
क्यूंकि अब,
मै अकेला नहीं हूँ.......


@sumit 123



© sumit123