काग़ज़ की कश्तीयो
काग़ज़ की कश्तीयो जैसी निकली ज़िंदगी,
पानी की लहरों का हिस्सा बन के रह गए..
वो एक कहानी जैसी लोग आज भी पढ़ते हैं,
और हम एक ना समझ क़िस्सा बन के रह गए ..
© Abhishek
पानी की लहरों का हिस्सा बन के रह गए..
वो एक कहानी जैसी लोग आज भी पढ़ते हैं,
और हम एक ना समझ क़िस्सा बन के रह गए ..
© Abhishek
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