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तन्हाई
,❤️तन्हाई❤️
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तन्हाई एक प्यारी सी लड़की की
तन्हाई एक छोटी सी बच्ची की
जब वो तन्हा हो जाती थी
बुरे ख्यालों में खो जाती थी
उसे तन्हा रहना अच्छा लगता था
महफिल से चुप होना अच्छा लगता था
आखिर क्यूं अकेले में तन्हा हो जाती थी
आखिर क्यूं कसमकस किसी के ख्याल में खो जाती थी
उसे उदास हमे देखना ना अच्छा लगता था
उसका महफिल में ठहाका लगाते देखना अच्छा लगता था
महफिल में चुप होकर रहती है वो
तन्हाई में अश्रु से पलको को भिगोती है वो
जब वो महफिल में स्माइल करती है
मधुमक्खी जैसे फूलो से शहद जैसे भरती है
वैसे तो वो बहुत मजबूत है वो
वैसे तो वो साक्षात देवी की रूप है वो
जब वो हसंती है तो जैसे सबेरा होता है।
बेजान महफिल भी जैसे गुलजार सा होता है
जिस दिन वो तन्हा होती है पूरा दिन जैसे कब्रिस्तान सा होता है।...