आग को छोड़ो पानी कहना
दुश्मन को तुम सानी कहना
आग को छोड़ो पानी कहना ।
अय्यारों की बस्ती में यार यहां लूट जाओगे
चंद खनकते सिक्कों में, तुम भी एक दिन बिक जाओगे ।
ताल तलैया को पड़ता है, बंजर में ही मरना
गद्दारों की बस्ती में यार संभल कर चलना ।
घड़ियाली आंसू में मौत यहां पर पलती है
गले लगाने वालों...
आग को छोड़ो पानी कहना ।
अय्यारों की बस्ती में यार यहां लूट जाओगे
चंद खनकते सिक्कों में, तुम भी एक दिन बिक जाओगे ।
ताल तलैया को पड़ता है, बंजर में ही मरना
गद्दारों की बस्ती में यार संभल कर चलना ।
घड़ियाली आंसू में मौत यहां पर पलती है
गले लगाने वालों...