मिलता हूं वहीं कहीं
बारिश ने मुझ को गर चाहा होता
सहराओं में यूँ न मैं, ज़ाया होता.............!
कुछ अश्क होते कुछ यादें होती
इक बार जो' गले से लगाया होता...........!
...
सहराओं में यूँ न मैं, ज़ाया होता.............!
कुछ अश्क होते कुछ यादें होती
इक बार जो' गले से लगाया होता...........!
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