" मेरा नादान दोस्त "
उसका ज़िंदगी में आना एक खुदा का एहसास है,
उसका यु क़ीमती बन जाना, एक सपना साकार है
उसका मुस्कुराना, मेरी ख़ुशी का राज़ है
क्यूंकि वो मेरा नादान दोस्त है,
वो मेरा नादान दोस्त है!
उसका यूं छोटी छोटी बातों पर रूठ जाना,
उसके रूठने पर उसे और चिदाके मनाना,
इसमें कुछ तो ख़ास है, एक अलग ही विश्वास है
क्यूंकि वो मेरा नादान दोस्त है,
वो मेरा नादान दोस्त है!
उसका यूं आँखों को पढ़ जाना,
उसका बिना बोले मन की अनुभूति समझ जाना,
उसका गले लगाके "में हूँ ना" कहना,
एक अलग ही एहसास है,
इसलिए मेरा दोस्त इतना ख़ास है,
मन को उस पर एक अलग ही विश्वास है,
क्यूंकि वो मेरा नादान दोस्त है,
वो मेरा नादान दोस्त है!
ज़िंदगी में कभी ऐसा समय न आए,
जान जाए, पर उसका साथ न जाए,
उसकी मेरे जीवन में विशेषता कुछ ऐसी है,
पहाड़ो के बीच निकला इंद्र धनुष जैसी है,
दुआ बस इतनी है की कभी साथी की जीवन मे कमी ना आए,
अगर आए तो इस ज़िंदगी को अपने साथ ले जाए !
मन में बस एक यही दुआ आती है,
क्यूंकि वो मेरा नादान साथी है,
वो मेरा नादान साथी है !