...

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मैं उसे कैसे भुलाऊं!!
एक दोस्त थी मेरी,
सादी,सुंदर और हंसमुख उसकी पहचान थी।
मिली मुझे वो बहुत कम समय के लिए थी,
पर यादें मुझे वो काफी दे गई थी।
हाथ में एक काली घड़ी और आंखों पर चौकौर फ्रेम का चश्मा पहनती थी,
आर्ट्स के साथ गणित रखी थी , सचमुच लड़की बहुत मेहनती थी।
बातें हमारी ज्यादा नहीं हो पाती थी,
पर कम बातों में भी काफी ज्ञान दे जाती थी।
किसी से ज्यादा मतलब नही रखती थी, अपने काम से ही उसे प्यार था,
दिन बीतते गए और बज गया गर्मियों की छूटी का अलार्म था।
आखिरी मुलाकात थी हमारी बता नही था,हमने तो छुटी के बाद मिलने का वादा किया था ,
छुटी के 6-7 दिन वो मुझे दिखाई नहीं दी, बाद में मुझे पता चला की मेरी दोस्त बिना अलविदा कहे इस दुनिया से विदाई ले गई ।


वैसे तो दुनिया का दस्तूर है, जो आएगा वो जाएगा भी,
लेकिन भूदू से मन को अभी भी लगता की में बुलाऊंगी और वो दौड़ी चली आएगी।

MISS YOU SUMAN(MY FRIEND)🥺







© journey to being a engineer 💪