मैं उसे कैसे भुलाऊं!!
एक दोस्त थी मेरी,
सादी,सुंदर और हंसमुख उसकी पहचान थी।
मिली मुझे वो बहुत कम समय के लिए थी,
पर यादें मुझे वो काफी दे गई थी।
हाथ में एक काली घड़ी और आंखों पर चौकौर फ्रेम का चश्मा पहनती थी,
आर्ट्स के साथ गणित रखी थी , सचमुच लड़की बहुत मेहनती थी।
बातें हमारी ज्यादा नहीं हो पाती थी,
पर कम बातों में भी काफी ज्ञान दे...
सादी,सुंदर और हंसमुख उसकी पहचान थी।
मिली मुझे वो बहुत कम समय के लिए थी,
पर यादें मुझे वो काफी दे गई थी।
हाथ में एक काली घड़ी और आंखों पर चौकौर फ्रेम का चश्मा पहनती थी,
आर्ट्स के साथ गणित रखी थी , सचमुच लड़की बहुत मेहनती थी।
बातें हमारी ज्यादा नहीं हो पाती थी,
पर कम बातों में भी काफी ज्ञान दे...