...

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साँझ मिलन!!
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम है इंतजार किसका
शायद मौसम के बदल जाने का
आए शाम फिर जब मेरी गली
मैं बुलाऊ तुम्हें मेरे हमनवीं
शाम ही साथ तुम हो मेरे
चाँद की भी गुप्तगु साथ हो
रात चलने लगे
बात बनने लगे
ओढ़कर चाँदनी की धवल चादर को
रात तारों की...