आजकल धूप उदास है
आजकल धूप उदास है..
जब मुझसे मिलने आती है
उसकी आंखों में वो चमक नहीं होती
जो अमूमन हुआ करती थी..
शायद उसे नहीं दिखते
गलियों में खेलते बच्चे
जो उसके रहने तक साथ रुकते थे
हंसते खेलते उसके आंचल में..
ना ही मिलती हैं उन पेड़ों पर
बैठी मटमैली गौरैयां
जो उसका इंतजार...
जब मुझसे मिलने आती है
उसकी आंखों में वो चमक नहीं होती
जो अमूमन हुआ करती थी..
शायद उसे नहीं दिखते
गलियों में खेलते बच्चे
जो उसके रहने तक साथ रुकते थे
हंसते खेलते उसके आंचल में..
ना ही मिलती हैं उन पेड़ों पर
बैठी मटमैली गौरैयां
जो उसका इंतजार...