...

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लापता खुदा।
तेरी गलियों से हर रोज मै,गुजरता रहा।
तू मिले ना मिले,हर मोड़ पे ठहरता रहा।
ना दुआ लगी वो कभी,जो भेजी थी कन्ही,
मेरे आसमां का खुदा,क्यों लापता सा रहा।

अमित सिंह
© amitsingshayar_