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इश्क वो गुनाह है
इश्क वो गुनाह है, जिसे सब कहते हैं ख़ता,
पर इस गुनाह में जीता है वो जो इश्क में है वफ़ा।
अगर इश्क ही गुनाह होता, तो फिर क्यों होता है इसमें मज़ा,
ये इश्क ही तो है जो हमें जीने का सबसे बड़ा बहाना बना।
इश्क वो जुदाई है, जो हमें दिल से लगती है,
जिसे जी के साथ मरने की तमन्ना सदा रहती है।
इश्क वो दर्द है, जो हमें आखों से ना रोने देता,
पर जब उसे हमारी निगाहों से देखा जाता है, तो जीता है हमारा दिल फिर से इसमें खोने का जज़्बा।
इश्क वो जीने का नाम है, जो हमें जीवन में सम्मोहित करता है,
जो खुशियों से लेकर गमों तक का सफर हमें संभालता है।
इश्क वो गुनाह है, जिसे सब कहते हैं ख़ता,
पर इस गुनाह में जीता है वो जो इश्क में है वफ़ा।
#Love&love #Kavita #hindipoem #Hindi
© Anurag Tiwari
पर इस गुनाह में जीता है वो जो इश्क में है वफ़ा।
अगर इश्क ही गुनाह होता, तो फिर क्यों होता है इसमें मज़ा,
ये इश्क ही तो है जो हमें जीने का सबसे बड़ा बहाना बना।
इश्क वो जुदाई है, जो हमें दिल से लगती है,
जिसे जी के साथ मरने की तमन्ना सदा रहती है।
इश्क वो दर्द है, जो हमें आखों से ना रोने देता,
पर जब उसे हमारी निगाहों से देखा जाता है, तो जीता है हमारा दिल फिर से इसमें खोने का जज़्बा।
इश्क वो जीने का नाम है, जो हमें जीवन में सम्मोहित करता है,
जो खुशियों से लेकर गमों तक का सफर हमें संभालता है।
इश्क वो गुनाह है, जिसे सब कहते हैं ख़ता,
पर इस गुनाह में जीता है वो जो इश्क में है वफ़ा।
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