इक ख़्याल गुनगुनाता हूँ मैंने
तुझे देख देख कर इक ख़्याल गुनगुनाता हूँ,
तू जो देखे मुझे तो फिर मैं शर्माता हूँ,
मेरी नज़र से जब तू नज़र मिलाती है,
हया के आँचल में मैं सिमट जाता हूँ,
...
तू जो देखे मुझे तो फिर मैं शर्माता हूँ,
मेरी नज़र से जब तू नज़र मिलाती है,
हया के आँचल में मैं सिमट जाता हूँ,
...