प्रेम सिर्जन...
वो कहता है __
जब तुमने कहा मैं तुम्हारी... तो
तुम्हारे वो शब्द
दोहराए जा रहा है मन
बार- बार...
तुम ही तुम हो
मेरे मन में भी
मेरे लफ़्ज़ों में भी..
यकीन है ना तुम्हें...!
मन करता है अगर तुम्हारा घर
मेरे घर के सामने होता तो
रोज़ एक ख़त लिखता और
छोड़...
जब तुमने कहा मैं तुम्हारी... तो
तुम्हारे वो शब्द
दोहराए जा रहा है मन
बार- बार...
तुम ही तुम हो
मेरे मन में भी
मेरे लफ़्ज़ों में भी..
यकीन है ना तुम्हें...!
मन करता है अगर तुम्हारा घर
मेरे घर के सामने होता तो
रोज़ एक ख़त लिखता और
छोड़...