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वक्त , वक्त आने पर बदल ही जाता है
कुछ लोग आज भी संशय मे ही जीते है
कहते है इंसान बदल जाते है पर,

वक्त भी बदलता है भाई
आज जो भी व्यक्ति धरती पे जी रहा है
आज का वक्त अर्थ का वक्त है
बिना इसके
न कोई रिश्ते है और
न नाते है
न प्रेम है, न
अनुराग है ।
फिर जो मनुष्य अर्थ की अवहेलना करे
उसे मूर्ख न कहेंगे तो क्या कहेगे ??
पैसे के बिना जीना अति कष्टकर है जीवन
मूर्ख से मूर्ख इंसान भी समझता है
पर जो समझकर भी न समझे
उसे कौन समझाए
सभी बुद्धि मान कहते है मुझसे
भाई, गुरू बना लो
बिना गुरु ज्ञान नही होता
बात तो सौ प्रतिशत सही है
पर....
कोई मुझे गुरु की परिभाषा बता दे
सच मानो..
मै कही गुरु ढुढने नही जाउंगा
झट उसके कदमो मे गिरकर
अनुनय करूँगा
महानुभाव..
आपको ही...