भारत माँ के कर्ज को हम कैसे उतार पाएंगे?
भारत माँ के कर्ज को हम, कैेसे उतार पाएंगे?
हर पल हमारा भार सहे जो, उसका दर्द केसे मिटाएंगे?
कई वीरों के खून ने सींचा, इसकी प्यास केसे मिटाएंगे?
भारत माँ के कर्ज को हम, कैेसे उतार पाएंगे...?
वीर गति कितनों ने पाई, क्या वो शहादत याद रख पाएंगे?
कई सुहागिनों या माँ-बहनों के, क्या दुख को हम समझ पाएंगे?
भारत माँ के कर्ज को हम, कैेसे उतार पाएंगे...?
इस मिट्टी की खुशबू तो अब, कई गांवों में भी...
हर पल हमारा भार सहे जो, उसका दर्द केसे मिटाएंगे?
कई वीरों के खून ने सींचा, इसकी प्यास केसे मिटाएंगे?
भारत माँ के कर्ज को हम, कैेसे उतार पाएंगे...?
वीर गति कितनों ने पाई, क्या वो शहादत याद रख पाएंगे?
कई सुहागिनों या माँ-बहनों के, क्या दुख को हम समझ पाएंगे?
भारत माँ के कर्ज को हम, कैेसे उतार पाएंगे...?
इस मिट्टी की खुशबू तो अब, कई गांवों में भी...