...

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मुलाकात
बहुत गर्मी हो रही है शहर में
रहती है वो जहां
सुना है थोड़ी ठंडक है वहां,
अब तो चेहरा भी धुंधला सा हो गया है यादों में
तुम बस काजल डाल आना नैनों में,
ले आना पकवान अपने शहर के
बैठेंगे किनारे किसी झील के,
बातें बेशक थोड़ी कम हों
बस हवा में थोड़ी मस्ती और तुम्हारी बातों में मासूमियत हो,
बात है बस इतनी सी,
शांत हो वातावरण
सामने हो चेहरा तुम्हारा,
आंखों से जब हो तकरार
तो हाथों में हाथ हो तुम्हारा....

© sharma