...

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गर मौक़ा मिले तो
गर मौक़ा मिले तो,
खुद भी हँसा कर,
दूसरों को भी हँसाया कर,
हौसलों के गीत जो, गाया कर,
औरों को भी ये गीत सुनाया कर,
हमेशा खुद के ख़्वाबों को सजाते हो,
औरों के ख़्वाबों को भी सजाया कर,
गर मौक़ा जो मिले,
खुद भी हँसा कर,
औरों को भी हँसाया कर,
कितना भी गम की आँधी,
आए ज़िंदगी में,
हौसलों का दिया न बुझाया कर,
गर हौसलों का दिया बुझ जाए तो,
थोड़ा-थोड़ा खुद को जलाया कर,
गर हँसना मुश्किल हो जाए तो,
थोड़ा-थोड़ा मुस्काया कर,
हौसलों का दीप रोज जलाया कर,
गर मौक़ा मिले तो,
खुद भी हँसा कर,
औरों को भी, हँसाया कर,
ज्यादा न सही,
थोड़ा-थोड़ा ज़रूर मुस्काया कर।।
#Saaz
@बाद ए सबा
F. S.