...

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कहानी सुनो हा जुबानी सुनो 3.0
कहानी सुनो हन जुबानी सुनो
मुझे प्यार हुआ था, इकरार हुआ था
कहानी सुनो हा जुबानी सुनो
मुझे प्यार हुआ था, इकरार हुआ था

नहीं अपना कोई है वाक़िफ़ फ़िज़ाये
तेरे संग मे कही सारी उम्र बीतये
यो हमसे कही ना फेरो निगाहे
डर लगता नहीं तेरे बिन मर ना जाये

है खुदा से दुआ तुझे खुद में छुपाले
है खुदा से दुआ तुझे अपना बना ले
मेरी चाहत यही है जहा कही
तू जो संग हो मेरे आशियाना वही
ज़रा सुनो तो सही हमें कहना यही
तू मिलो ना अगर मेरे जीना नहीं

कहानी सुनो हन जुबानी सुनो
मुझे प्यार हुआ था, इकरार हुआ था
कहानी सुनो हा जुबानी सुनो
मुझे प्यार हुआ था, इकरार हुआ था
© Chiragg