चलो आज कुछ नया करते हैं।
चलो आज कुछ नया करते हैं,
भारत माता की धरती पर एक जीता जागता सितारा बनते हैं।
अपनी खुशियों की झील के किनारे बैठ कर दो पल उसे जीते हैं।।
अपने सपनों की उड़ान को आसमान तक ले चलते हैं।
खुद को इस भीड़ से जुदा करते हैं, चलो आज कुछ नया करते हैं।।
कुछ नया करने से पहले ईश्वर व शहीदों को नमन करते हैं।
जब बात देश की हो तो सर्वप्रथम क्यों ना देश की नारी के लिए कुछ करते हैं।।
क्यों ना यहां की बेटियों को यह हौसला दिलाते हैं।
कि उन में सीता सावित्री ही नहीं , बल़्कि ककल्पना चावला और गुंजन सकसेना जैसी बहादुर नारी भी बस्ती है।।
तो चलो अपने सपनों को पूरा करते हैं ।आज कुछ नया करते हैं।।
भारत माता की धरती पर एक जीता जागता सितारा बनते हैं।
अपनी खुशियों की झील के किनारे बैठ कर दो पल उसे जीते हैं।।
अपने सपनों की उड़ान को आसमान तक ले चलते हैं।
खुद को इस भीड़ से जुदा करते हैं, चलो आज कुछ नया करते हैं।।
कुछ नया करने से पहले ईश्वर व शहीदों को नमन करते हैं।
जब बात देश की हो तो सर्वप्रथम क्यों ना देश की नारी के लिए कुछ करते हैं।।
क्यों ना यहां की बेटियों को यह हौसला दिलाते हैं।
कि उन में सीता सावित्री ही नहीं , बल़्कि ककल्पना चावला और गुंजन सकसेना जैसी बहादुर नारी भी बस्ती है।।
तो चलो अपने सपनों को पूरा करते हैं ।आज कुछ नया करते हैं।।