...

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जहाँ मुझे आना था
जहाँ मुझे आना था

देहरी पर एक दीया रख देना
संझवाती के समय कहा करती थी माई
याद है तब मैं बहुत छोटा था
और दीदी मुझसे बहुत बड़ी
उसे विश्वास था घर में आते हैं पितर
निवास करते हैं कुल देवता
इधर एक युग हुआ गाँव घर छोड़े
माँ पिता का भी साथ छूटा
पर यहाँ लौटता हूँ बार बार
इस बार सावनी पूजा में कोई घर सूना नहीं है
बरसों बाद लौटी है रौनक...