भूत भविष्य
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
सिर्फ हम देखा करते हैं उसको,
उसको इसका होश कहाँ
हमको तो लगता है उस बिन क्या है बाकी
उसको पर नई दुनिया है भाती
वो तो अपनी जननी को भी भूल गया
जाने दो जो चला...
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
सिर्फ हम देखा करते हैं उसको,
उसको इसका होश कहाँ
हमको तो लगता है उस बिन क्या है बाकी
उसको पर नई दुनिया है भाती
वो तो अपनी जननी को भी भूल गया
जाने दो जो चला...