उत्थान Utthan
संसार रूपी जेल में
अटक गया इन्सान
समझ रहा है खुदको बड़ा
पा रहा है, झुठ-मुठ का सन्मान
कैसे समझाए इसे?
ना...
अटक गया इन्सान
समझ रहा है खुदको बड़ा
पा रहा है, झुठ-मुठ का सन्मान
कैसे समझाए इसे?
ना...