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दर्द /यादें /तन्हाई
बहुत रोये किसी की ख़ातिर
एक हसीन ज़िन्दगी की ख़ातिर।
मोहोब्बत रास न आई किसी को हमारी,
हम मर गए मग़र उसकी ख़ुशी की ख़ातिर।
सालों बीतें बीतीं तमाम सदियां,
दिल तरस गया एक हँसी की ख़ातिर।
तन्हाई,उदासी सीने को जलाते रहे,
मन रहा बेचैन एक आशिक़ी की ख़ातिर।
अकेला दर्द
© All Rights Reserved
एक हसीन ज़िन्दगी की ख़ातिर।
मोहोब्बत रास न आई किसी को हमारी,
हम मर गए मग़र उसकी ख़ुशी की ख़ातिर।
सालों बीतें बीतीं तमाम सदियां,
दिल तरस गया एक हँसी की ख़ातिर।
तन्हाई,उदासी सीने को जलाते रहे,
मन रहा बेचैन एक आशिक़ी की ख़ातिर।
अकेला दर्द
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