...

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खुदगर्ज
मैंने बेहोसी में भी ना छोड़ा उस शख्स का हाथ
जो मुझे होश में पूरे मन से गालिया दे रहा था

थोड़े से मेरे हालात क्या बदले
उसने छोड़ा मेरा हाथ और कही और हो चला था

चलो अच्छा हीं हुआ ये कम वक़्त का बीमार होना उनके झूठे चेहरे से पर्दा तोह हटा

उनके हजार इल्जाम भी लगे है हमपे वक़्त से पहले बस मुझे जो समझ नहीं आ रही की क्या थी मेरी खाता
🖋️kr!shn

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