...

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धैर्य
आँखों का थोड़ा जल
आँखों में रहने दो
जाने कोई कब कहाँ
कोई रोग मिल जाए
दिल तोड़ने की फितरत वाले
लोग भी तो रहते हैं
जाने कोई कब कहाँ
कोई लोग मिल जाए
किसी अनिच्छित घड़ी में तो
तूने वियोग का वहन किया
दिल पर खुद पत्थर रखकर
तूने भार को सहन किया
हो सकता कल फिर मिलने का
कोई योग मिल जाए
© Anil Mishra