ममता
#वर्णाक्षरमनोहारी ।
मां प्यार से मुझे संवारती थी।।
मेरे लिए ख़ूब पकवान बनाती थी।
मना मना के मुझे खिलाती थी।
लोरियां गा गा के वोह सुलाती थी।
साफ़ सुथरे कपड़े पहनाती थी।
रोज़ स्कूल मुझे चलाती थी।
ज़िंदगी ऐसे जीना मुझे सिखाती...
मां प्यार से मुझे संवारती थी।।
मेरे लिए ख़ूब पकवान बनाती थी।
मना मना के मुझे खिलाती थी।
लोरियां गा गा के वोह सुलाती थी।
साफ़ सुथरे कपड़े पहनाती थी।
रोज़ स्कूल मुझे चलाती थी।
ज़िंदगी ऐसे जीना मुझे सिखाती...