द्रौपदी - एक अनल ज्वाला 🔥
उत्तर दो धर्मराज युधिष्ठिर, पूछ रही स्वयं नारी शक्ति!
किन- किन अधिकारों से तुमनें द्युति क्रिड़ा में मुझे डाला?
नारी के अपने ही अधिकारों पे एक प्रश्न चिह्न करवा डाला!
माना नरेश! हो धर्मराज!
जो बचा ना सका भार्या का लाज,
क्या जग में तुम करोगे राज !
कैसे जितोगे जन विश्वास!
उत्तर दो धर्मराज युधिष्ठिर||
दुरयोधन दुःशासन संग, कर्ण तुम क्यों बोल गए?
वैश्या कह मेरी सत्तित्व आंचल कैसा कलंक तुम घोल गए!!
कैसा कलंक तुम घोल गए||
अगन हूँ मैं, मैं अगन !
मैं नहीं विलाप करूगीं|
इसी पीतांबर , केशों से कौरव मैं तेरा नास करूँगी
शंखनाद पे फिर कृष्णे ने तांडवी अधिघोष किया
इन्द्रप्रस्थ पटरानी हूँ मैं!
पान्डवी महरानी हूँ मैं!
तेरी (हस्तिनापुर)बहूरानी हूँ मैं!
हूँ नहीं कोई मधुबाला||...
किन- किन अधिकारों से तुमनें द्युति क्रिड़ा में मुझे डाला?
नारी के अपने ही अधिकारों पे एक प्रश्न चिह्न करवा डाला!
माना नरेश! हो धर्मराज!
जो बचा ना सका भार्या का लाज,
क्या जग में तुम करोगे राज !
कैसे जितोगे जन विश्वास!
उत्तर दो धर्मराज युधिष्ठिर||
दुरयोधन दुःशासन संग, कर्ण तुम क्यों बोल गए?
वैश्या कह मेरी सत्तित्व आंचल कैसा कलंक तुम घोल गए!!
कैसा कलंक तुम घोल गए||
अगन हूँ मैं, मैं अगन !
मैं नहीं विलाप करूगीं|
इसी पीतांबर , केशों से कौरव मैं तेरा नास करूँगी
शंखनाद पे फिर कृष्णे ने तांडवी अधिघोष किया
इन्द्रप्रस्थ पटरानी हूँ मैं!
पान्डवी महरानी हूँ मैं!
तेरी (हस्तिनापुर)बहूरानी हूँ मैं!
हूँ नहीं कोई मधुबाला||...