...

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बेनक़ाब होता गया हर एक चेहरा
बेनक़ाब होता गया हर एक चेहरा
आज लगता है पराया हर एक चेहरा
झूठी बातों से लुभाता गया ये चेहरा,
दिल में बना कर घर लुटता गया
मेरे विश्वास की तिजोरी को ये चेहरा
कत्ल करता गया मेरे जज्बातों का ये चेहरा
मुस्कुराना सीखा कर
आंसू दे गया हर एक चेहरा,
सिर्फ मतलब के लिए
रिश्ता जोड़ता है ये चेहरा
नजरों में नफरत के
काबिल होता गया ये चेहरा|
पल पल का सुकून छीनता गया ये चेहरा
बेनक़ाब होता गया हर एक चेहरा||






© Kajal Mishra ✍️